Thursday, August 14, 2008


अर्जुन महान के इस देश में एक और अर्जुन ----- अभिनव बिंद्रा
''गर हौसले हो बुलंद तो आन्धिओं में भी चिराग जलते हैं''
इस कहावत को सच साबित कर दिखाया अभिनव बिंद्रा ने लोगों ने देखा महान धनुर्धर
अर्जुन के इस देश में एक और अर्जुन को इतिहास रचते हुए । १० मीटर एयर राइफल में चीन के कीनन झू को हराकर अभिनव बिंद्रा ने देश को बीजिंग ओलंपिक २००८ में पहला गोल्ड मैडल दिलाया। व्यक्तिगत
स्पर्धा मैं प्रथम गोलडमैड्लिसट बन कर उन्होंने एक इतिहास रच दिया । पिता ए एस बिंद्रा
और माँ बबली को अपने बेटे पर गर्व है वे फूले नहीं स
माँ रहे हैं। अभिनव बिंद्रा ने अपने
जुझारूपन से इस सपने को हकीकत मैं बदल दिया है । और आने वाले खिलाड़ी उनको आदर्श मानकर
उनसे प्रेरणा लें इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिये । १९८० के बाद सोने के लिए tरस रहे
भारत देश के इस सुखाग्रसत अभियान को ख़तम कर एक नया आयाम रच दिया
कई राज्यों ने उनकी इस उपलब्धि पर पुरस्कारों घोसना की है यह सही भी है इससे खिलाड़ी
का होसला बढ़ता है आज हर गली मैं बिंद्रा - बिंद्रा का शोर है।
''हमें गर्व है देश के इस होनहार सपूत पर''