Wednesday, September 24, 2008

औली सैफ विंटर गेम्स-२००९
( नई सुबह की सुगबुगाहट )

उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित औली। दूर-दूर तक बर्फ की चादरों से फैला हुआ यह स्थल देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को अपने अप्रितम सौंदर्य से मोहित कर देता है। उत्तराखंड में औली स्कीईंग के लिए उपयुक्त स्थल है। इसी को मद्देनजर रखते हुए इसे २००९ सैफ विंटर गेम्स की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है.
इतिहास में पहली बार उत्तराखंड को इतने बड़े अंतरास्ट्रीय आयोजन की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है। और इस मौके को सफल आयोजन में तब्दील करना राज्य सरकार, चमोली जिले और जोशीमठ नगर इन तीनो के एकजुट प्रयासों पर निर्भर रहेगा।
तैयारियों को लेकर उठा विवाद अब कुछ हद तक थम चुका है। अब उलटी गिनतियों का दौर जारी है। और सबको मिलकर इसे सफल बनाने के प्रयास आरम्भ कर देने चाहिए। क्योंकि ये गेम्स उत्तराखंड राज्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होने जा रहे हैं। एक सफल कदम, सफलता के सौ दरवाजे खोलेगा। ये गेम्स केवल गेम्स तक सिमट कर नहीं रह जायेगा। बल्कि यहाँ के लोगों को मौका होगा अपनी संस्कृति , अपने जज्बे और यहाँ के अप्रितम सौंदर्य को देश - विदेश से आने वाले लोगों को रूबरू कराने का। आठ साल के उत्तराखंड ने सफलता के नए आयाम रचे हैं और जारी है। उससे पहले हमारी स्थती दबे - कुचले इंसान जैसी थी। मुजफर नगर कांड ने साबित भी किया की उत्तर प्रदेश सरकार हमें किस श्रेणी में रखती है। लेकिन उस घटना ने लोगों को और मजबूती दी। और आज हमें साबित करना है की इन आठ सालों में हमने अपने स्तर में सुधार के जो आयाम रचे हैं उसकी गूंज पूरे देश और विदेश में जरुर फैलनी चाहिए।
एक कहावत है की " अवसर बार- बार आपके चौखट में दस्तक नहीं देते हैं।" ये वक्त है अपना सब कुछ झोकने का , अपने युवाओं को सफलता का एक मार्ग बनाने का।
नए साल की शुरुआत के बाद पूरे देश की निगाहें आप पर होंगी। और तब--------------- क्या होगा, कैसे होगा. ये बातें पुरानी हो जायेंगी। बस सामने एक मंजिल होगी। जिसका एक ग़लत कदम राज्य की प्रतिष्ठा और आपको कई नीचे खाइयों में धकेल सकता है। और एक सफल कदम मंजिल के सैकड़ों रास्तों की दास्ताँ लिखेगा।
" क्योंकि हममें माद्दा है, जूझने का , लड़ने का।
हमने खेला है इन नदियों की लहरों में, पहाडों की गोद में।
हमने देखा है, अपने घर के सामने के पहाड़ पर चढ़ कर।
कैसा लगता है बुलंदियों के सिखर परचढ़कर। "
तो फ़िर क्या, शुरू हो जाईये------ इतिहास में अपने आपको साबित करने के लिए।