Saturday, July 31, 2010

कठिनतम दौर

देश का शायद सबसे कठिनतम दौर । सरकार के अयोग्य मंत्रियों ने देश की भद पीट दी है। कश्मीर में अशांति, महंगाई अपने चरम पर है, नक्सलवादी जब चाहे - जहां चाहे हिंसा कर रहे हैं, कॉमनवेल्थ गेम के सफल आयोजन पर हम ससंकित हैं,पाकिस्तान से बेसिर - पैर बातचीत के दौर जारी हैं। कांग्रेस जब चुनाव जीती थी तो बड़ा शोर था - राहुल गाँधी -राहुल गाँधी। शपथ ग्रहण में कैबिनेट मंत्रियों की लम्बी लिस्ट थी। अखबार के पहले चार पेज उनका गुणगान कर रहे थे। बड़ी-बड़ी विदेशी डिग्रियों के तमगे लटके पड़े थे। लेकिन अफ़सोस कहाँ हैं;राहुल गाँधी और उनकी युवा फ़ौज और कहाँ है विदेशी डिग्री की धमक दिखाने वाले विद्वान । गरीब के घर रात बिताने से गरीबों का भला नहीं होने वाला। डा मनमोहन सिंह देश के पहले ऐसे कमजोर प्रधानमंत्री साबित हो रहे हैं, जिनके हाथ में अपने कैबिनेट की लगाम नहीं है। मेरा मानना है की डा मनमोहन सिंह जी और राहुल गांधी के लिए दो लोग आदर्श साबित हो सकते हैं ; महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर । राहुल गाँधी को सीख लेनी चाहिए सचिन से की आप बोलने से महान नहीं बनते हो, उसके लिए कर्म भी वैसे ही करने होते हैं। और मनमोहन सिंह जी सीखें धोनी से की प्रेरणादाई नेतृत्व कैसे किया जाता है।
वरना तो फिर कांग्रेस डायन देश लुटवाय जात ----------------------------------------