Thursday, October 16, 2008

व्यंग्य
(मौजा ही मौजा)
मैं अपने चचाजान से मिलने मुंबई से दिल्ली आया। यूँ ही बातों का सिलसिला शुरू हुआ। चचाजान बोले , बेटा जुम्मन सिनेमा के दौर लद गए । अब यंही मडी हॉउस में डेरा दाल दो । आजकल तो टीवी पर जो दीखता है वही बिकता है। एक हमारा दौर था । जब सिनेमा हॉलों में सिल्वर जुबली ,गोल्डन जुबली मनाई जाती थी। पर आज तो लोग सिनेमा हॉलों को जाना भूल गए हैं। पायरेटेड सीडी का ज़माना आगया है। मैंने कहा , चचाजान आपकी बात तो सही है। लेकिन मुझ जैसे डाइरेक्टर के लिए यहाँ स्कोप बताओ ना। चचाजान बोले, जुम्मन बेटा यहाँ तो मैदान खाली है। हाकी की स्टिक लेकर कहीं भी स्कूप कर दो । क्या फर्क पड़ता है। हर जगह गोलपोस्ट ही गोलपोस्ट है। मैंने कहा चचाजान आपकी बात समझ में नही आ रही है, साफ़ साफ़ कहो। चचाजान बोले, जुम्मन बेटा आजकल अपने सलू मियाँ, राखी बिटिया , शाहरुख , बच्चन जी ,अक्की बेटा सभी तो टीवी पर शोज दिखा रहे हैं। कहीं रियल्टी शो चल रहे हैं, कहीं क्विज कांटेस्ट, कहीं सीरियल। कई सीरियल तो चलते ही जा रहे हैं। ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेते हैं। एकता बिटिया का सीरियल "सास भी कभी बहु थी" ख़त्म ही नी होंडा । जुम्मन बेटा पैसा ही पैसा है । पढ़े लिखे लोगों का ज़माना है। इस बहती गंगा में हाथ धो लो। चार बड़े - बड़े कलाकार पकड़ लो और जनता के सामने लड़वा दो । जनता खुश तो रियल्टी शो हिट । एकता बिटिया की तरह एक सीरियल बनादो " बहु भी किसी की बेटी है"। बेटा ये टाइटल मैंने बहुत दिनों से सोच रखा था । अब इस हिट करवादो । चार - पाँच बार बहु को मरवा दो । फ़िर अलग - अलग तरीके से जिंदा करवादो , दस - बारह शादी करवा दो । दो चार सांग भी रख दो । बेटा मजा आ जाएगा । सीरियल में कई जुबलियाँ हो जायेंगी सारी पिक्चर का औसत निकल जायेगा। या फ़िर कोई न्यूज़ चैनल बना डालो । चटकारी - पत्त्कारी ख़बरों से भर दो । लाईव टेलीकास्ट लो , कहीं भी पहुँच जाओ । गल्ली - मुहल्ले , टाइलेट , पेड़ कोई जगह मत छोड़ना । सबका टेलीकास्ट होना चाहिए । आख़िर खबरिया चैनल है। पल- पल की ख़बर होनी चाहिए । सब की ख़बर लो , दो चार पिक्चर के सीन भी रखो । तो मौजा ही मौजा । क्राइम रिपोर्ट और भाविस्यफल वाले पार्ट में हिन्दी पिक्चर की तरह क्लाइमेक्स देना मत भूलना । देश की जनता भावुक है। इनमे थोड़ा मसाला न हो तो मजा नहीं आता है। देखो धंधा फ़िर चल पड़ेगा ।
मुझे चचाजान की बातो में दम दिखाई दिया है। क्यों न टीवी की तरफ़ मूड लिया जाए । यहाँ तो मौजा ही मौजा है।